असंभव को संभव कैसे करें

 

असंभव को संभव कैसे करें

असम्भव कार्य  को संभव  कैसे करें  ? 

-इस संसार में कुछ भी असम्भव नहीँ है । दुनिया में सब से बड़ी शक्ति है, सोचने की  शक्ति  । 

- संसार में जितनी भी वस्तुएँ हम देख रहे है, वह सब किसी न किसी मनुष्य ने मन में सोची थी । सोच  से मनुष्य सब कुछ प्राप्त कर सकता है । 

-हरेक मनुष्य ने अपनी सोच को एक सीमा  में बांध रखा है । जो व्यक्ति यह सोचते है, क़ि   इस सीमा   से बाहर जाना उनके बस की बात नहीँ  है, तो वह सच में    उस सीमा से आगे नहीँ जाते । 

-सत्य तो यह है क़ि  मनुष्य के सफल होने की कोई सीमा नहीँ होती, अर्थात मनुष्य के लिए असम्भव कुछ भी नहीँ है । सब कुछ आप की  सोच पर निर्भर करता है । 

-आप जितना छोटा सोचते है, आप की  सफलता का दायरा उतना ही छोटा होता  जाता है । यदि बड़ा सोचते है, तो सफलता का दायरा भी बड़ा होता जाता है । 

-इस लिए अपना लक्ष्य ऊँचा रखें  क़ि मुझे आई ए एस बनना है, या  मुझे अष्ट रत्नो में आना  है  । 

-इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजना बनाओ और उस अनुसार कार्य करो आप से मंजिल दूर नहीँ । 

-यदि लक्ष्य है तो रास्ता भी है ।  जब रास्ता  है, तो उस से हम अपने लक्ष्य तक पहुंच ही जाएंगे । 

-मंजिले कठिन नहीँ होती हम बना देते है । क्योकि रास्ता नहीँ जानते अगर जानते भी  है, तो चलना कैसे है, यह नहीँ जानते । 

-इसके लिए ज्ञान के स्तर को बढ़ाए ।  उसे गहराई दें ।  उसे मौलिक सोच दें । 

-अध्ययन का भी मनो विज्ञान है । 

-एक ही चीज को पढ़ने से मन ऊबता है ।  कभी कभी झुंझलाहट होने लगती है । जैसे जैसे उम्र बढ़ती है,  पढ़ने का जोश कम होता जाता है  । क्योकि दिमाग पर अन्य कई  तरह के  दबाव आ जाते हैं । 

-इसलिए दसवी के बाद I A S बनने का लक्ष्य बना लो, और प्लस  2 के बाद उसकी तैयारी शुरू कर दो ।  कोई एक प्रतियोगिता पत्रिका पढ़नी शुरू कर दो । 

-लक्ष्य की  प्राप्ति के लिए आकर्षण के नियम को भी  याद रखो । 

-यह नियम कहता है, क़ि  जैसा हम सोचेंगे वैसा ही हम प्राप्त करेगे ।  इस लिए हमेशा सफलता के बारे सोचो । 

-आप वर्तमान में जो कुछ  भी   हैं  यह भूतकाल में की  गई सोच का परिणाम  है । 

-आप जो आज सोच रहें है, वही  भविष्य  में मिलेगा । 

-आत्मविश्वाश में भी असम्भव को संभव करने की  सब से बड़ी शक्ति है । 

-आत्म विश्वाश से समस्याओ से लड़ने की  शक्ति प्राप्त होती है । 

-आत्म  विश्वाश से पोजेटिव एनेर्जी पैदा होती है ।  हर रोज कुछ ऐसा करते रहें  जिस से आप का आत्म  विश्वाश बढ़ता रहे  । 

-भगवान को याद करने से आत्म  विश्वास बढ़ता है ।  भगवान की  शक्ति से हम सभी रुकावटों को पार कर जाते हैं जिस से असम्भव कार्य भी संभव हो जाते हैं । 
ओम शांति.

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