जब भी आप किसी के बारे में अच्छा सोचते हैं तो इसका सबसे पहला लाभ आपको होता है कैसे?

जब भी आप किसी के बारे में अच्छा सोचते हैं तो इसका सबसे पहला लाभ आपको होता है कैसे?

जब भी आप किसी के बारे में अच्छा सोचते हो तो सबसे पहले उस सुन्दर संकल्प की feeling आपको अनुभव होती है।

यदि आप किसी के बारे में बुरा सोचते हो तो उसकी feeling भी पहले आपको ही अनुभव होती है,सदा याद रखें, हर thought के साथ एक feeling जुड़ी होती है, हर thought के साथ इसलिए कभी भी बुरा फील हो तो चेक करें कि आप क्या सोच रहे हैं, और उसे तुरंत change करें।

आप पाएंगे कि feeling change हो रही है,इस प्रकार अपने मन के भाव के आप खुद ही जिम्मेदार हो, किसी की वजह से आपके जीवन में कुछ भी घटित नहीं हो सकता ! सब कुछ आपके हाथ में है, आपकी सोच ही आपको उंचा व नीचा अनुभव करवाती है, अपनी स्थिति का किसी को भी जिम्मेदार न माने, यह एक ऐसा चक्रव्यूह है जो आप ही रचते हो और आप ही फंसते हो, सब आपकी रचना है, किसी का इसमें कोई हाथ नहीं, न ईश्वर का न किसी और का, केवल आप हो बस आप! 

इसलिए अपने मन को सही की ओर मोड़ने का भरसक प्रयास करें,मन करे न करे तब भी सही की ओर मुड़ना ही है क्योंकि इसका सबसे पहला लाभ आपको होता है, और किसी को नहीं! 

मन को सही की ओर मोड़ना अर्थात मन को भगवान और ज्ञान में व्यस्त करना, सबके लिए सही सोचना, सबको दुआएं देना, इस ताम्सिक संसार में सात्विक हो कर रहना, जीवन का सच्चा सुख केवल  पवित्रता में समाया है, पवित्रता मन से आरम्भ होती है, अच्छी व ज्ञानयुक्त सोच हमें सात्विक अथवा पवित्र करती है, जिससे हमारी उर्जा बढ़ती है, सदा याद रखें जीवन vibration अर्थात energy का खेल है, high energy means purity, low energy means impurity! 

अपने आप को शरीर व शरीर से जुड़ी चीज़ों से designate करना बन्द करें,क्योंकि आप एक energy हो अर्थात आत्मा हो खुद को आत्मा समझें और बेहद की सोच रखें!  

सब अपने हैं और वास्तव में कोई अपना नहीं सिवाए भगवान के, यही भावना मन में सदा रहे, इससे आप कभी मोह में नहीं पड़ेंगे परंतु सबके साथ अच्छा व्यव्हार अवश्य करेंगे और सत्य में टिकते हुए केवल ईश्वर से ही प्रेम करेंगे। यही इस भव सागर को पार करने का एकमात्र तरीका है। 

अतः किसी के लिए भी बुरा मत सोचें क्योंकि हर बार वह सोच आपको पहले फील होगी आपकी उर्जा को low करते हुए वह दूसरों तक पहुंचती है, आपने देखा होगा, company के मालिक को diseases  workers से अधिक होती हैं क्यों क्योंकि वह अकेला दस को डांटता है दस बार गलत सोचता है इसलिए बिमार भी सबसे अधिक वही पड़ता है यह सोच का असर है, कृपया अपनी सोच पर ध्यान दें, "बोलने से पहले सोचें नहीं सोचने से पहले सोचें"


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