😇-कल्पना क्या है
-आप कोइ पत्र लिख रहे हैं ।
-आप का दिमाग लिखने में लगा हुआ है । आप दिमाग में शब्द सोच रहे हैं कि क्या लिखना है ।
-इसके साथ सड़क से गुजरती गाड़ियों की आवाज सुनाई दे रही है ।
-गली में कुत्ते भौंक रहे हैँ ।
-बीच में घर के सदस्यो को शोर मचाने से मना भी किया ।
-इन सब हंगामों के बीच में अपना पत्र पूरा किया ।
-आप के पास ऐसी कौन सी शक्ति थी जिसने यह काम करवाया ।
-इसे जागृत मन कहते है जो बाहरी शक्तियो को अपनी शक्ति से पराजित कर देता है और आप अपना कार्य सफलता पूर्वक कर पाते हैंं ।
-मन हमारे जीवन का बहुत बड़ा साथी हैंं ।
-मन दो तरह के कार्य करता हैंं ।
-कुछ कार्य हम बिना इच्छा के करते हैंं ।
-किसी गर्म चीज पर हाथ लगने पर हम तुरंत हाथ उठा लेते हैँ , इस के लिये हमें सोचना नहीं पड़ता ।
-हमें चोट लग जाए तॊ बिना सोचे मुंह में डाल लेते हैँ, उस स्थान पर फूंक मारने लगते हैँ ।
-अचानक कोइ जानवर हम पर हमला कर दें हमारी आवाज भारी हो जाती हैँ हमारे हाथ में जो कुछ भी आये हम उठा कर उस पर फेंक देते हैँ । यह रीएक्शन बिना सोचे ही हो जाता है ।
-कुछ कर्म ऐसे होते है जिन्हें हम सोच समझ कर करते हैँ ।
-हमें मकान बनाने का विचार आया ।
-हमें कितने कमरे, कितने बाथ रूम, स्टडी रूम, ड्राइंग रूम, किचन आदि चाहिये और भविष्य में क्या क्या चाहिये, यह सब सोचते हैँ । यही कल्पना है ।
-अब हम अपनी आवश्यकता आटेक्ट को बताते हैँ । वह हमारी आवश्कता अनुसार एक सुन्दर नक्शा बनाता है । यही कल्पना है ।
-कल्पना अर्थात जो चीज हम चाहते हैँ उसे पहले मन में सोचते हैँ ।
😇-कल्पना की शक्ति
-आपातकाल आने पर लाचार व्यक्ति भी कमाल दिखा जाते हैं ।
-एक बार भूकम्प आया जिस के कारण लोग घर से बाहर भागने लगे ।
-उसी घर मेंं एक औरत जो लकवे के कारण चारपाई पर थी और हिल डुल भी नहीं सकती थी, भूकम्प आने पर वह औरत भी भाग कर बाहर आ गई ।
-वास्तव मेंं यह कमाल बुद्वि व दिमाग का नहीं होता ।
-बुद्वि तॊ आपातकाल आते ही गुल हो जाती है ।
-कोई भी वर्तमान समस्या जैसी पहले कभी कोई परिस्थिति आई हो और तब क्या किया था, बुद्वि सिर्फ वहीँ सुझाव देती है ।
-अगर उसके पास वर्तमान जैसी समस्या पहले कभी नहीं है तॊ बुद्वि जवाब दे देती है ।
-ऐसी स्थिति मेंं आप की कल्पना शक्ति आप को रास्ता सुझाती है ।
-मां को आप से दूर रह कर भी कैसे पता चल जाता है क़ि आज आपकी तबियत ठीक नहीं या आज आपके साथ कुछ बुरा हुआ है । यह सब कल्पना शक्ति के कारण होता है ।
-किसी मकान या इमारत मेंं प्रवेश करते ही क्यो लगता है यहाँ किसी की हत्या हुई है, यहाँ कुछ ठीक नहीं है ।
-दार्शनिक कल्पना से ही शब्दो का श्रंगार करते है ।
-हम सभी जाने अनजाने आपात स्थिति में कुछ ऐसा सोचते है या कर जाते हैं जो पहले कभी नही हुआ था ! यह सब कल्पना शक्ति के कारण होता है !
-विज्ञानिक खोजो के पीछे कल्पना ही है ।
-प्रेम कल्पना ही तॊ है ।
-प्रेम मेंं दरार आने का कारण छोटी छोटी गलतफहमियों को कल्पना मेंं बढ़ा चढ़ा कर देखते हैं ।
-कलाकर, लेखक, कवि, वास्तुकार , चित्रकार अपनी रचनाओ की पहले कल्पना ही करते हैं ।
-कुछ कल्पनाएं युग बदल देती हैं । महात्मा गांधी की स्वतंत्रता की कल्पना ने भारत को आजाद करवा दिया ।
-कुछ कल्पनाएं जीवन बदल देती है । एक साधारण नर्स मदर तरेसा बन गई ।
-राजयोग के अभ्यास से हम देवता बन जाते है ।
-झूठी कल्पनाओ से युध्द होते है ।
-झूठी कल्पनाओ से अनेको सम्राज्य नष्ट हो गये ।
-भगवान की याद मेंं अच्छी कल्पनाएं करते रहने से हम मानसिक रूप से शक्तिशाली बनेगे ।
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