दया वृत्ति का प्रभाव

दया वृत्ति का प्रभाव


-दया एक  दिव्य गुण है 

-दया का गुण आचरण में लाने से आप देवता  बन जायेगे । 

-दयालु हृदय में परमात्मा का प्रकाश ही प्रस्फुटित  हो उठता है । 

-दया अपने आप में प्रसन्नता, और  प्रफुलता का एक झरना है । 

-दया से आत्मीयता और कोमल भावो  का  उदय होता है । 

-दया सुधार का एक शक्तिशाली माध्यम है । 

-अपने हृदय में परमात्मा के इस महान गुण का विकास करो । 

-आज से दयालुता प्रदर्शित करना शुरू कर दो । 

-आप को जिन लोगो से कोई समस्या है,  दुःख है,  गिला  छिकवा है तुरंत सोचो मै दयालु  हूं  दयालु हूं ।  आप के मन में शांति आएगी और उन लोगो की भी तड़फना  रुक जाएगी ।

दया वृति का प्रभाव 

-दया सब धर्मो का मूल है । 

-जैसे ही कोई भी  मनुष्य दया का विचार करता है   तुरंत उसके  मन  से   ऐसी तरंगे निकलने लगती है जो चारो तरफ सकारात्मक  प्रभाव डालती है । 

-अगर व्यक्ति में दया  नहीं है तॊ  उसे धार्मिक नही कहेंगे । 

-दया के विचारो  से हिंसक  अहिंसक बन  जाता है और दुश्मन मित्र बन जाते है । 

-जिस में दया भावना नहीं है वहां परमात्मा से बहुत दूर है । 

-अस्त्रों शस्त्रों से मनुष्य थोड़े समय के लिये राज्य प्राप्त कर सकता है ।  दया भावना वाला जन्म जन्मांतर  निर्विघ्न  राज्य प्राप्त करता है । 

-दयालु  विचार केवल  मनुष्य के  ही नहीं बल्कि  प्रत्येक प्राणी के हृदय पर भी प्रभाव  डालते   है । 

-जितना ज्यादा राजयोग का अभ्यास करेंगें उतना ही दया के सागर बनते जाएंगे !

-जिस समाज में लोग एक दूसरे के प्रति दयालु होते है  वहां स्वर्ग होता है । 

-- अशांति,  क्लेश वहीँ निवास करते है जहां व्यवहार में क्रूरता होती है । 

-क्रूरता अपना अंत स्वंय ही कर  लेती है ।  क्योकि क्रूरता के कारण उपद्रव उठ खड़े होते हैं  । 

- दया समाज को एकता के सूत्र में बांध कर रखती है ।  योगी के मन से ऐसी तरंगे निकलती हैं जो किले का काम करती हैं ।  जो भी व्यक्ति दयालु के आस पास होते है उनके मन  में बुरे विचार प्रवेश नहीं कर सकते । 

-अपराधी मनुष्य के मन   में भी दया का बीज होता है । 

-व्यक्ति अपराधी तभी बनता है जब समय पर किसी व्यक्ति ने उसके प्रति  दया,  स्नेह और सहयोग नहीं दिखाया ।  

-दया के अभाव  में लोग कठोर और कुकर्मी बन जाते है । 

-आप दूसरों पर दया करेंगे तॊ भगवान आप पर दया करेगा । 

-भगवान आप दया के सागर है इस गुण का  सिमरन करते रहने से आप दयावान बन जायेगे ।

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