श्रेय
आज का विषय है -
श्रेय
-दुनिया का हर व्यक्ति, सब से ज्यादा सिर्फ ,और सिर्फ अपने बारे सोचता है ।
-मानवीय गुण यह है, कि मनुष्य के हर कार्य का नियंत्रण, उसके अपने हितो से होता है, अर्थात मनुष्य हर काम में श्रेय लेना चाहता है ।
-लोग आप की बात सुने, और आप को सम्मान दें ।
-आप किसी सभा या समारोह में जाए, तो लोग खुले दिल से आप का स्वागत करें , अथवा राह चलते लोग आपका स्वागत करें ।
-राह चलते लोग सम्मान के साथ साथ, आप को नमस्कार करें ।
-दुनिया का हर व्यक्ति यही चाहता है ।
-बड़े बड़े संत महात्मा, जो विश्व को वैराग्य का उपदेश देते हैँ, वह भी स्वयं को श्रेय देने के प्रलोभन से, वंचित नहीं हैँ ।
-मनुष्य की यह भावना क्यो है ।
- प्रत्येक व्यक्ति में दो ध्रुव हैँ ।
-सिर को उतरी ध्रुव माना गया है, और प्रजनन इन्द्रिय को दक्षिणी ध्रुव माना गया हैँ ।
-दक्षिणी ध्रुव अर्थात प्रजनन केन्द्र से, उत्पन होने के कारण व्यक्ति प्रजनन केन्द्र के इर्द गिर्द ही घूमते रहते हैँ । इसी केन्द्र से उत्पन होने के कारण, हम अपने तथा अपनी संतान को कामयाब करने के लिये, धरती के पदार्थो से जुड़े रहते हैँ । उन्ही से सब कुछ पाना चाहते हैँ ।
- यही कारण हैँ, कि प्रत्येक व्यक्ति प्रत्येक कार्य का श्रेय लेना चाहता है, ताकि सभी उस से प्यार करें ।
-घर के उत्थान , और पतन का श्रेय घर के मुखिया को जाता है।
-बच्चा टॉप आये, या बहुत अच्छी नौकरी मिल जाएज़ तो उसका श्रेय घर के मुखिया को मिलता है ।
-कोई जमीन जायदाद बनाते हैँ ,तो उसका श्रेय भी मुखिया को ही प्राप्त होता है ।
-घर के किसी भी सदस्य द्वारा कोई भी अच्छा, व बुरा काम हो जाए, तो उसकी भी जिम्मेदारी मुखिया अर्थात मां - बाप की होती है ।
-इस लिए मुखिया को सभी के साथ प्यार, अपनेपन, शिष्टता, तथा सम्मान से पेश आना चाहिए ! ।
-सभी की समस्याए सुने, और उनके समाधान की यथा संभव कोशिश करे ।
-सभी के मित्र बन कर समझाए उनका मार्ग दर्शन करे ।
-जीवन साथी का मन से सम्मान करें । कभी भी दूसरों के सामने उसे डांटे धमकाये नहीं, और न ही कभी अपमान करें ।
-ऐसा करने से परिवार में एक दूसरे के प्रति, सच्चा प्यार होगा ।
- आप भी कहीं ना कहीं मुखिया हैं, या बनेंगे , इसलिए निष्काम भाव से और प्यार से पेश आये !
-जितना राजयोग का अभ्यास करेंगे उतना ही आप में, निष्काम भाव और प्यार बढ़ता जाएगा
-अगर आप चाहते हैंज़ कि प्रत्येक कार्य के लिए परिवार आप को श्रेय दे तो आप कुछ बातों का ध्यान रखें !
-परिवार के लोगो को जीवन में जो समस्याए आने वाली हैँ, उन सब का समाधान पुस्तको में लिखा हुआ है । इसलिए धन दौलत के साथ साथ एक अच्छी लाइब्रेरी की स्थापना करें । अपने घर में अच्छी से अच्छी पुस्तके रखें, ताकि जब कभी किसी को समस्या आये, तो वह पुस्तको से हल कर सके ।
-धन जीवन जा आधार है । इसलिए मकान, प्लॉट, और सोने चांदी के इलावा, हर मास अपनी आय का 20 प्रतिशत बेंक या पोस्ट ऑफीस में जमा करते रहें, और उसे निकालना नहीं हैँ । इस से परिवार की आर्थिक स्थिति सदा सुदृढ़ रहेगी, और परिवार हर प्रकार की आपात स्थिति से निजात पा लेगा ।
-अपने जीवन साथी को 500 - 1000 रुपए अन्य खर्चो के इलावा, जेब खर्च जरूर देना हैँ, और उसका हिसाब नहीं लेना ।
-कभी भी अपने पर निर्भर बच्चों, और महिलाओ को ताना नहीं मारना ।
-अगर कोई घर का सदस्य किन्ही कारणो से रूठ जाता है, तब भी उसके खर्चो का ध्यान रखना है, उनका हक नहीं मारना ।
-भगवान को याद करते हुए, बच्चों के लिये मन से कहते रहो आप डॉक्टर, वकील, इंजिनियर आदि आदि बनेगे ।
-आप जैसी सोच परिवार के प्रति रखते हैँ, वैसे ही वह बन जाते हैँ ।
-अगर परिवार में कोई कमी हैँ , कमजोरी है, बच्चे व औरते बीमार रहते हैँ, तो इसका सीधा सा अर्थ है, कि मुखिया की सोच परिवार के प्रति ठीक नहीं हैँ ।
-परमात्मा आप प्यार के सागर हैँ, इसका सिमरन आरम्भ करो ,और हरेक सदस्य के प्रति प्यार की भावना रखो । ऐसा करने से, सारा परिवार आपको अपना भरपूर प्यार आप पर न्यौछावर कर देगा ।
- मुखिया चाहे वह घर में हो, दफ्तर में हो, संस्था में हो, ग्रुप में हो, सरकार में हो, धर्म में हो, वे अच्छे काम का श्रेय लेने के लिये, लालायित रहता है ।
--श्रेय इस लिये लेते हैँ, क्योकि इस से लोगो का सम्मान और प्यार मिलता है ।
- जिन व्यक्तियों के निमित हैँ, उन्हे सम्मान और मन में प्यार दें , तो आप को श्रेय लेने के लिये भटकना नहीं पड़ेगा ।
-यदि आप व्यवसायी हैँ, तो अपने कर्मचारियो के साथ अपनेपन से पेछ आएं !
-यदि आप किसी दफ्तर में कार्य करते हैँ, तो सहकर्मियों, और अधीनस्थों से भी सम्मान, और प्यार से पेछ आएं
-यदि आप किसी स्कूल में अध्यापक अथवा किसी कॉलेज में प्रोफेसर हैँ, तो छात्रो के साथ सम्मान का व्यवहार करें । यदि आप प्रिन्सिपल हैँ, तो अध्यापकों के साथ भी सम्मानजनक व्यवहार करें ।
- आप जितना दूसरों को सम्मान और प्यार देंगे, तो सभी लोग आप को हर अच्छे काम का श्रेय देंगे !
-इसलिए अपने आसपास के लोगो को, मन से सम्मान और महत्व की तरंगे देते रहो ! ओम शांति
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